Thursday, October 2, 2008

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कम्प्यूटर क्या है? What is a Computer ?

कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रोनिक उपकरण है जो डेटा लेता है उसे प्रोसेस करता है तथा एक अर्थयुक्त परिणाम हमें देता है. कम्प्यूटर अपनी उच्च संग्रह क्षमता, गति, स्वचालन, सक्षमता, शुद्धता, सार्वभोमिकता, विश्वसनीयता, याद रखनेकी शक्ति के कारण हमारे जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण होता जा रहा है.कम्प्यूटर में एक बार डेटा इनपुट करने केपश्चात उन्हें प्रोग्राम में दिये गये निर्देशों के द्वारा अलग अलग प्रकार के कार्यों के लिये अलग अलग परिणाम प्राप्तकिया जा सकता है.कम्प्यूटर द्वारा अधिक सूक्ष्म समय में अधिक तीव्र गति से गणनाएं की जा सकती हैकम्प्यूटरद्वारा दिये गये परिणाम अधिक शुद्ध होते है.

निष्कर्षत: कम्प्यूटर मुख्य कार्य करता है-

* इनपुट उपकरणों द्वारा डेटा लेना

* डेटा को मेमोरी में स्थानतरित करना

* डेटा को प्राप्त कर निर्देशों के द्वारा गणनाएं (Processing) करना.

* डेटा का विश्लेषण करना

* अंत में परिणामों को आउटपुट उपकरणों पर भेजनाकम्प्यूटर की पीढ़िया (Computer Generations)


वेज्ञानिकों ने कम्प्यूटर के इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के आधार पर कम्प्यूटर जनरेशन को पांच भागों में बांटाहै.कम्प्यूटर की पहली पीढ़ी (First Generation Of Computer)इस जनरेशन के कम्प्यूटर्स में डायोड वाल्ववैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया गया.
इसमें दो इलैक्ट्रोड्स-कैथोड एवं एनोड होते थे, इसलिये इसे डायोड कहा गया.वाल्व होने के कारण इसे इलेक्ट्रोनिकस्वीच की भांति प्रयोग किया गया.
प्रथम इलेक्ट्रोनिक कम्प्यूटर (ENIAC) प्रथम पीढ़ी का कम्प्यूटर है। EDSAC (Electronic Delay Storage Automatic Calculator) सबसे पहला संग्रहित प्रोग्राम कम्प्यूटर था। UNIVAC (Universal Automatic Computer)
सबसे पहला ऐसा इलेक्ट्रोनिक कम्प्यूटर था जिसे व्यापारिक अनुप्रयोगों के लिए तैयार किया गया था.पहली पीढीके गुणइस जनरेशन में प्रोग्रामिंग मशीन और असेम्बली भाषा (Programming in Machine and Assembly Language) में की जाती थी, मशीन लेंग्वेज केवल 0 और 1 पर आधारित होती हैं. कम्प्यूटर के समझने योग्यभाषा जिसमें प्रोग्राम लिखा जाय कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा कहलाती है.इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में वैक्यूम ट्यूब काउपयोग किया गया था. ये लगातार विद्दूत के संवहन से गरम होने के कारण जल्दी खराब हो जाते थे. अत: वातानुकूलित इकाई में रखना जरुरी होता था. वैक्यूम ट्यूब आकार में बड़ी होती थी अत: इस पीढ़ी के कम्प्यूटर केआकार भी बड़े होते थे.इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में इन्टरनल मेमोरी के रुप में मेग्नेटिक ड्रम का उपयोग किया जाताथा.प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर का कार्य सीमित होता था.
कम्प्यूटर की दूसरी पीढ़ीद्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों में मुख्य तार्किक उपकरण वैक्यूम ट्यूब के स्थान परट्राजिस्टर(Transistor) का उपयोग किया गया. ट्राजिस्टर का कार्य वैक्यूम ट्यूब के समान था लेकिन इसकी कार्यकरने की गति अधिक थी तथा यह आकार में छोटा अधिक विश्वसनीय था. ट्राजिस्टर वैक्यूम ट्यूब के स्थान परकम गरम होता था तथा विद्दुत की खपत भी कम होती थी.दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर के गुणमेमोरी के लिए मेग्नेटिकड्रम के स्थान पर मेग्नेटिक कोर का प्रयोग हुआ.Secondary Storage संग्रह के लिये पंचकार्ड के अलावा मेग्नेटिकटेप और डिस्क का प्रयोग हुआ.इस पीढ़ी में हाई लेवल लेंग्वेज (High Level Language) का आविष्कार हुआ जैसेआदि. इस भाषा में सामान्य अंग्रेजी के अक्षरों का प्रयोग किया गया जो मशीनी भाषा मेंप्रोग्रामिंग करने के स्थान पर काफी सरल होते थे.ये प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर से आकार में छोटे थे और संग्रहक्षमता और गति भी काफी अधिक थी.कम्प्यूटर की तीसरी पीढ़ी (Third Generation Of Computer)इस पीढ़ीके कम्प्यूटर में इलेक्ट्रानिक उपकरण के रुप में ट्रांजिस्टर के स्थान पर आई सी (Integrated Circuit) I.C. काउपयोग किया गया. एक IC में ट्राजिस्टर, रेजिस्टर कैपेसिटर तीनों ही समाहित हो गए. जिससे कम्प्यूटर काआकार अत्यंत छोटा होता गया.तीसरी पीढ़ी के गुणइस पीढ़ी के कम्प्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग कियाजाने लगा, जिसके कारण कम्प्यूटर के आंतरिक कार्य स्वचालित हो गये.हाई लेवल लेंग्वेज में नई भाषाओं काविकास हुआ जैसे BASIC (Beginners All Purpose Symbolic Instruction Code).मिनी कम्प्यूटर काविकास हुआ जो आकार में काफी छोटे थे.Document बनाना तथा उन्हें प्रोसेस करना प्रारंभ हुआ.कम्प्यूटर कीचौथी पीढ़ी (Fourth Generation Of Computer)इस पीढ़ी में लार्ज स्केल आई.सी. (Large Scale Integrated Circuit) बनाना सम्भव हुआ. एक छोटे से चिप में लाखों ट्राजिस्टर समा गये. इस चिप को माइक्रोप्रोसेसर नामदिया गया।
माइक्रोप्रोसेसर युक्त कम्प्यूटर को माइक्रो कम्प्यूटर कहा जाने लगा. सबसे पहला माइक्रोकम्प्यूटर MITS नामककम्पनी ने बनाया.चौथी पीढ़ी के गुणमाइक्रो कम्प्यूटर के आकार को छोटे से छोटा करना, गति तेज और कम्प्यूटरसस्ते करना.कोर मेमोरी के स्थान पर अर्धचालक या सेमीकंडक्टर पदार्थ की मेमोरी का उपयोग हुआ. जो आकारमें छोटी और गति में तेज होती थी.नये -नये साफ्टवेयर का निर्माण हुआ. जैसे स्प्रेडशीट, एप्लीकेशन्स, डेटाबेस काकार्य करने के लिये सरल साफ्टवेयर तैयार किये गये.
पांचवी पीढी (Fifth Generation of computer)इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में स्वयं सोचने की क्षमता पैदा की जा रहीहै. कम्प्यूटर को हर क्षेत्र में कार्य करने योग्य बनाया जा रहा है.इस पीढ़ी में सूचनाओं के आदान प्रदान के लिएकम्प्यूटर्स को जोड़कर नेटवर्क बनाया गया. जिसे इंटरनेट नाम दिया गया. दुनिया भर के कम्प्यूटर इंटरनेट से जुड़ेहै.माइक्रोकम्प्यूटर का आकार दिन प्रतिदिन छोटा होता जा रहा है. आज घड़ी के आकार का कम्प्यूटर भी बाजार मेंउपलब्ध है. कम्प्यूटर को आकार के कारण डेस्क टॉप, लैप टॉप, पाम टॉप नाम दिया गया.मल्टीमीडिया का विकासइसी पीढ़ी में हुआ. जिसमें ध्वनि (Sound), चित्र (Graphics), टेक्स्ट (Text) तथा एनीमेशन आदि सम्मिलित है.

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Created by: Deepak Sharma

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